
The film Saas Gaari Deve is winning the hearts of the audience, this film reminds us of a joint family
दर्शकों का दिल जीत रही है फिल्म सास गारी देवे, संयुक्त परिवार की याद दिलाती है ये फिल्म
लखनऊ – STAGE ओटीटी ऐप पर रिलीज़ हुई भोजपुरी फ़िल्म सास गारी देवे (सास गारी देवे) इन दिनों दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है। इस फिल्म में कई पहलुओं पर ध्यान दिया गया है, जो दर्शकों को काफी भा रहा है। फिल्म में संयुक्त परिवार की कहानी को केंद्रित किया गया है। देखा जाए तो फिल्म सिर्फ एक पारिवारिक कहानी नहीं, बल्कि उन रिश्तों का आइना है, जो अक्सर कहे बिना ही बहु त कुछ कह जाते हैं।
जानिए क्या है पूरी कहानी
अप्रैल में रिलीज़ हुई इस फ़िल्म का निर्देशन किया है धीरेंद्र कुमार झा ने, जिन्होंने एक आम भोजपुरी संयुक्त परिवार की रोज़मर्रा की जिंदगी को बड़े ही संवेदनशील ढंग से परदे पर उतारा है। फ़िल्म की कहानी तीन सास और तीन बहुओं के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक ही घर में रहती हैं, और जिनके बीच रोज़ाना तकरार और ताने-बाने चलते रहते हैं।
कहानी तब नया मोड़ लेती है जब घर की तीन बेटियाँ अपने-अपने सस्राल से नाराज़ होकर मायके लौट आती हैं। लेकिन ये बेटियाँ घर लौटकर केवल बेटी नहीं रहतीं, बल्कि अपनी माँओं के साथ मिलकर अपनी ही भाभियों के खिलाफ सास-बहू की लड़ाई का हिस्सा बन जाती हैं।
काजल यादव की एक्टिंग कमाल की है
फिल्म की सबसे चंचल और प्रभावशाली भूमिका है सबसे छोटी बहू, जिसे निभाया है आजमगढ़ की चर्चित अभिनेत्री काजल यादव ने। उनका किरदार तुनकमिज़ाज, तीखा और हाजिरजवाब है, जो हर बहस को हवा देने को तैयार रहती है। काजल ने इस भूमिका को इतनी स्वाभाविकता से निभाया है कि दर्शक उनके हर दृश्य पर हँसते भी हैं और सोचने पर भी मजबूर हो जाते हैं। सोशल मीडिया पर उनके डायलॉग्स पर रील्स बन रही हैं और दर्शक उन्हें टैग कर अपनी प्रतिक्रियाएं साझा कर रहे हैं। अन्य कलाकारों ने बेहतरीन एक्टिंग की है
फ़िल्म में रूपा सिंह ने बड़ी सास की भूमिका में एक संयमी, समझदार और घर को जोड़े रखने वाली स्त्री का किरदार बखूबी निभाया है। वहीं बीना पांडेय, जो फ़िल्म में काजल यादव की माँ की भूमिका निभा रही हैं, अपने भावपूर्ण संवादों और दमदार उपस्थिति से दर्शकों का ध्यान खींचती हैं। अभिनेता कुनाल तिवारी एक शांत लेकिन भावनात्मक बेटे और पति के किरदार में दिखते हैं, जो परिवार की खींचतान में फँसा हुआ है, पर अपनी सहनशीलता से दिल जीत लेता है।
सोशल मीडिया पर वायरल है
फिल्म का शीर्षक गीत “सास गारी देवे” भी दर्शकों को खूब पसंद आ रहा है, और इस पर बन रही सोशल मीडिया रील्स से यह साफ़ है कि फ़िल्म को दर्शकों का खूब प्यार मिल रहा है।
क्लाइमैक्स में कहानी बदलती है
क्लाइमैक्स में कहानी एक गहरी भावनात्मक लहर पैदा करती है। यह दिखाया गया है कि घर के भीतर होने वाले झगड़े केवल मतभेद नहीं, बल्कि रिश्तों में छिपे उस अपनत्व का हिस्सा होते हैं, जो अक्सर किसी बाहरी को उन संबंधों में घुसने नहीं देता। जब परिवार किसी कठिन मोड़ पर होता है, तब ज़िम्मेदारी हमेशा घर की माँ और बड़ों पर आती हैं जो रिश्तों को टूटने से पहले थाम लेते हैं।
“सास गारी देवे” एक ऐसी फिल्म है, जो न केवल हँसाती है, बल्कि अपनेपन का एहसास भी कराती है। अगर आपने अभी तक नहीं देखी है, तो आज ही STAGE ऐप पर देखिए यह फिल्म नहीं, एक एहसास है।
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